शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो

ढोलक पर गाने वाले भजन लिरिक्स मत रोग बुढ़ापे

"प्रिय पाठकों, यहाँ आने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! 🙏 मुझे पता है कि आपको भजन बहुत पसंद आ रहे हैं, और मैं आपके लिए और अधिक जानना आसान बनाना चाहता हूँ। बस नीचे स्क्रॉल करें, और आपको प्रत्येक भजन का लिंक मिल जाएगा। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप अचानक से स्विच आउट न करें - अंत तक मेरे साथ बने रहें ताकि आप कोई भी दिव्य धुन न चूकें। 🙌 आगे बढ़ें, बस नीचे जाएँ, और भजनों में डूब जाएँ!1

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो,

मत रोग बुढ़ापे में दीजो, मत रोग बुढ़ापे में दीजो,

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो॥

बेटा देना तो ऐसा देना,

जामें श्रवण जैसा ज्ञान मत रोग बुढ़ापे में दीजो,

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो॥

बहू देना तो ऐसी देना,

जामें तुलसी जैसा ज्ञान मत रोक बुढ़ापे में दीजो,

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो॥

बेटी देना तो ऐसी देना,

जामें मीरा जैसा ज्ञान मत रो बुढ़ापे में दीजो,

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो॥

पोता देना तो ऐसा देना,

जामें कृष्ण जैसा ज्ञान मत रोग बुढ़ापे में दीजो,

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो॥

पोती देना तो ऐसी देना,

जिसका देवी जैसा रूप मत रोग बुढ़ापे में दीजो,

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो॥

बुढ़ापा देना तो ऐसा देना,

तेरा भजन करूं दिन रात मत रोग बुढ़ापे में दीजो,

शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ मत रोग बुढ़ापे में दीजो

प्रिय पाठकों, मैं वास्तव में आपकी उपस्थिति की सराहना करता हूँ क्योंकि हम इन आत्मा को झकझोर देने वाले भजनों के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं। 🙏 यदि आप नवीनतम भजनों पर अपडेट रहना चाहते हैं या अपने पसंदीदा भजनों का अनुरोध करना चाहते हैं, तो मैं आपको हमारे व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूँ। 💬 यह कनेक्ट करने का एक शानदार तरीका है और यह सुनिश्चित करता है कि आप कभी भी किसी दिव्य धुन को मिस न करें। बस नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और भक्ति के आनंद को फैलाने में हमारे साथ जुड़ें! 🎶”

https://chat.whatsapp.com/J8DmhFf4cucFkku4aiTr1shttps://chat.whatsapp.com/J8DmhFf4cucFkku4aiTr1s

ढोलक पर गाने वाले भजन लिरिक्स मत रोग बुढ़ापे

माता रानी के घरेलू भजन

  1. पहले गौरी गणेश मनाया करो
  2. बालू मिट्टी के बनाए भोलेनाथ
  3. जग रखवाला है मेरा भोला बाबा
  4. बेलपत्ते ले आओ सारे
  5. कैलाश के भोले बाबा
  6. कब से खड़ी हूं झोली पसार
  7. भोले नाथ तुम्हारे मंदिर मेंअजब नजारा देखा है
  8. शिव शंभू कमाल कर बैठे
  9. एक भूत शिव से बोला
  10. सुनो हे देवी माता रानी
  11. भीगी भीगी रातों में
  12. कावडिया ले चल शिव के द्वार
  13. मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी
  14. गौरां और शंकर हैं ये,
  15. शिव तो ठहरे सन्यासी गौरां पछताओगी
  16. कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी
  17. आशुतोष शशाँक शेखर
  18. अगड़-बम-शिव-लहरी
  19. डमरू वाले बाबा तेरी लीला है न्यारी
  20. कैलाश पर्वत पर बाज रहे घुंघरू
  21. शंकर तेरी जटा में
  22. भोलेनाथ की दीवानी
  23. भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
  24. ॐ मंगलम् ओंकार मंगलम् ।
  25. मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी
  26. डमरू वाले वावा तुमको आना होगा
  27. अमृत बरसे बरसे जी
  28. ओम जय शिव ओंकारा की आरती लिखी हुई
  29. राधिका गोरी से बिरज की छोरी से
  30. सजा दो घर को गुलशन सा
  31. सांवली सूरत पे मोहन
  32. शिव आरती
  33. ओम जय जगदीश हरे आरती
  34. अंबे तू है जगदंबे काली
  35. कर लो ना राम भजन ग्यारस का
  36. ना जी भर के देखा
  37. अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाए जा
  38. तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
  39. तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे
  40. सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।
  41. श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
  42. जगत में ग्यारस बड़ी महान
  43. बहु भोजन ना करूं मैं आज
  44. आज मैया का कीर्तन हमारे अंगना lyrics
  45. तू कर ले व्रत ग्यारस का
  46. ग्यारस माता से मिलन कैसे होय
  47. मुझे माता मिल गईं थी
  48. मेरी पूजा में हो रही देर गजानंद आ जाओ
  49. अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये
  50. गौ माता की सेवा कर ले
  51. गौ माता के भजन लिरिक्स
  52. मैया राणी के भवन में
  53. फूलों से सजाया दरबार गजानन आ जाना
  54. कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके
  55. saja do ghar ko gulshan sa lyrics
  56. yug ram raj ka aa gaya lyrics
  57. मेरी झोपड़ी के भाग
  58. Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana
  59. मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना,
  60. छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना
  61. श्री राम जी के भजन
  62. ऊँ जय शिव ओंकारा
  63. जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
  64. माँ मेरी तुमसे लड़ाई है
  65. वीर हनुमाना अति बलवाना लिखित भजन
  66. अंजनी पुत्र पवनसुत वीर आपकी जय हो जय हो जय हो
  67. हनुमान चालीसा लिखित में
  68. श्री राम चंद्र कृपालु लिरिक्स
  69. राम भजन हिंदी में लिखित
  70. जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
  71. मुझे ले चलियो हनुमान मैया के जगराते में
  72. चंदा से भी सुंदर मेरे रामजी
  73. चरणों में रघुवर के
  74. तेरा भवन सजा जिन फूलों से
  75. ले के पूजा की थाली
  76. नौ दिन मेरे घर आना जगदंबे मैया
  77. नाम मेरी शेरोंवाली का जिस जिसने गाया है
  78. मुझे दर्शन दे गई मां कल रात सोते-सोते
  79. डर लागै डर लागै माँ काली तेरे तै डर लागै
  80. सपनों में मैया मेरी रोज चली आती है
  81. बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया
  82. बिगड़ी मेरी बना दे ए शेरों वाली मैया
  83. पायो जी मैने राम रतन धन पायो
  84. सियार और ढोल
  85. देने का सबक: करुणा और मानवता की कहानी
  86. युधष्ठिर जी को मिली अमरता
  87. दुर्वासा ऋषि का श्री राम से मिलन
  88. जगन्नाथ धाम पुरी की रसोई: एक अद्भुत अनुभव
  89. दुर्वासा ऋषि का श्री राम से मिलन
  90. एक बहुत बड़ा अमीर आदमी और उसके दान की कहानी
  91. नाक रगड़ कर मांगी मांफी
  92. खाटू श्याम किसके पुत्र थे
  93. “सन्त की आश्चर्य-कहानी”
  94. छोटे बच्चों की मजेदार कहानियां
  95. बूढ़ी माई का इलाज जब भगवान ने किया
  96. बच्चों की बाल कहानियां
  97. तुलसी और विष्णु की कहानी
  98. तीन सवाल
  99. श्रीकृष्ण की माया: सुदामा की
  100. लंका के शासक रावण की माँग
  101. धन्ना जाट जी की कथा
  102. “सच्ची भक्ति: सेवा और करुणा का मार्ग”
  103. जब मेघनाद का कटा हुआ सर बोल पड़ा
  104. Story of child:talk with god
  105. कैसे हुए एक बालक को भगवान के दर्शन
  106. पंचतंत्र की शिक्षाप्रद कहानियां
  107. खटमल और मच्छर की कहानी
  108. छोटी कहानी इन हिंदी ‘हनुमान जी कौन हैं
  109. Places to visit in Ayodhya

धन्ना जाट जी की कथा

एक बार की बात है, एक गाँव था जहाँ भागवत कथा का आयोजन किया गया था। एक पंडित कथा सुनाने आया था जो पूरे एक सप्ताह तक चली। अंतिम अनुष्ठान के बाद, जब पंडित दान लेकर घोड़े पर सवार होकर जाने को तैयार हुआ, तो धन्ना जाट नामक एक सीधे-सादे और गरीब किसान ने उसे रोक लिया।

धन्ना ने कहा, “हे पंडित जी! आपने कहा था कि जो भगवान की सेवा करता है, उसका बेड़ा पार हो जाता है। लेकिन मेरे पास भगवान की मूर्ति नहीं है और न ही मैं ठीक से पूजा करना जानता हूँ। कृपया मुझे भगवान की एक मूर्ति दे दीजिए।”

पंडित ने उत्तर दिया, “आप स्वयं ही एक मूर्ति ले आइए।”

धन्ना ने कहा, “लेकिन मैंने तो भगवान को कभी देखा ही नहीं, मैं उन्हें कैसे लाऊँगा?”

उन्होंने पिण्ड छुडाने को अपना भंग घोटने का सिलबट्टा उसे दिया और बोले- “ये ठाकुरजी हैं ! इनकी सेवा पूजा करना।’

“सच्ची भक्ति: सेवा और करुणा का मार्ग”

एक समय की बात है, एक शहर में एक धनवान सेठ रहता था। उसके पास बहुत दौलत थी और वह कई फैक्ट्रियों का मालिक था।

एक शाम, अचानक उसे बेचैनी की अनुभूति होने लगी। डॉक्टरों ने उसकी जांच की, लेकिन कोई बीमारी नहीं मिली। फिर भी उसकी बेचैनी बढ़ती गई। रात को नींद की गोलियां लेने के बावजूद भी वह नींद नहीं पा रहा था।

आखिरकार, आधी रात को वह अपने बगीचे में घूमने निकल गया। बाहर आने पर उसे थोड़ा सुकून मिला, तो वह सड़क पर चलने लगा। चलते-चलते वह बहुत दूर निकल आया और थककर एक चबूतरे पर बैठ गया।

तभी वहां एक कुत्ता आया और उसकी एक चप्पल ले गया। सेठ ने दूसरी चप्पल उठाकर उसका पीछा किया। कुत्ता एक झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में घुस गया। जब सेठ नजदीक पहुंचा, तो कुत्ते ने चप्पल छोड़ दी और भाग गया।

इसी बीच, सेठ ने किसी के रोने की आवाज सुनी। वह आवाज एक झोपड़ी से आ रही थी। अंदर झांककर उसने देखा कि एक गरीब औरत अपनी बीमार बच्ची के लिए रो रही है और भगवान से मदद मांग रही है।

शुरू में सेठ वहां से चला जाना चाहता था, लेकिन फिर उसने औरत की मदद करने का फैसला किया। जब उसने दरवाजा खटखटाया तो औरत डर गई। सेठ ने उसे आश्वस्त किया और उसकी समस्या

Leave a Reply