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मास्टरबेशन करने से कौन सी बीमारी होती है

मास्टरबेशन करने से कौन सी बीमारी होती है

मास्टरबेशन करने से कौन सी बीमारी होती है ये सवाल ही गलत है जबकि मास्टरबेशन स्वयं में एक बीमारी है। मास्टरबेशन अथवा हस्थमैथुन का आज के युवाओं में खूब प्रचलन है , किन्तु हस्थमैथुन एक ऐसा नशा अथवा कुकृत्य है जिसकी चपेट में आने वाला न इस लोक में सुख पता हैं और न ही परलोक में आज इसी में आपसे बातचीत की जाएगी


मास्टरबेशन करने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ऐसा कहा जाता है की मास्टरबेशन करने से हैप्पी हार्मोन कहलाने वाला डोपामाइन निकलता है जिससे उस समय ऐसा महसूस होता है की व्यक्ति बहुत आनंद में है जबकि इससे बहुत ही उल्टा प्रभाव शरीर में उत्पन्न होता है। सबसे पहले मास्टरबेशन करने से कमजोरी आ जाती है और व्यक्ति को इसकी आदत पड़ने लगती है और इसका लम्बे समय में दिखने वाला प्रभाव ये है की इसके कारण शरीर की गांठो में दर्द शुरू हो जाता है। व्यक्ति की नसों में दर्द शुरू हो जाता है और उसकी स्मृति शक्ति क्षीण होनी शुरू हो जाती है। इसके कारण शरीर में स्वप्नदोष होना प्रारम्भ हो जाता है , जिससे वीर्य की बहुत हानि होती है और व्यक्ति नपुंसकता की ओर बढ़ने लगता है। वीर्य की हानि से मानसिक दबाव शुरू हो जाता है और व्यक्ति किसी भी कार्य में एकाग्रचित्त नहीं हो पाता हैं। इसके कारण शरीर में झुर्रिया पड़नी शुरुवो जाती है और नाक के नीचे काले मुहांसे पड़ने शुरू हो जाते हैं।

वीर्य का निर्माण कैसे होता है ?How is semen formed?

हमारे शरीर में सात प्रकार की धातु होती है जिसके नाम रक्त, मज्जा , अस्थि , चर्म आदि हैं जिसमे वीर्य यानि की शुक्र सबसे अंतिम प्रणिति होता है। इन सब का निर्माण भोजन द्वारा होता है माना जाता है की कई ग्रास भोजन करने से एक बून्द वीर्य का निर्माण होता है , और अगर यही वीर्य व्यक्ति धारण कर लेता है तो यह ओजस में परिवर्तित हो जाता है।


सात धातु कौन कौन से हैं?

1- रस : प्लाज्मा

2- रक्त : खून (ब्लड)

3- मांस : मांसपेशियां

4- मेद : वसा (फैट)

5- अस्थि : हड्डियाँ

6- मज्जा : बोनमैरो

7- शुक्र : प्रजनन संबंधी ऊतक (रिप्रोडक्टिव टिश्यू )

मास्टरबेशन की लत कैसे लगती है

मास्टरबेशन की लत अश्लील दृश्य, अश्लील साहित्य अथवा अश्लील कहानी पढ़ने या सुनने से ही लगती है। मास्टरबेशन की लत व्यक्ति के दोस्त ही लगते हैं , व्यक्ति जब किशोर अवस्था में पहुँचता है तो वो स्वाभाविक रूप से ही विपरीत लिंग ली और आकर्षित होता है , और यदि इस समय उससे ऐसे मित्र अथवा ऐसे साहित्य अथवा ऐसे संसाधन मिल जाएं तो वो जल्दी ही हस्थमैथुन का शिकार हो जाता है क्युकी इन सब के कारण होने वाली उत्तेजना को हस्थमैथुन कुछ समय के लिए शांत कर देता है किन्तु खत्म नहीं करता है न ही इससे कोई आनद मिलता है जबकि इसके कारन व्यक्ति कुछ समय के लिए निराश हो जाता है और बीमारियों को आमान्तरण देता है।

मास्टरबेशन का इलाज क्या है?

मास्टरबेशन का इलाज़ ये हे की सबसे पहले अपने आप को बुरी संगती से बचाना हमें कोई भी ऐसे काम करने से बचने चाहिए जो हमारी जनेन्द्रिय को उत्तेजित करती हो , सबसे पहले ऐसे टीवी सीरियल अथवा ऐसी पिक्टर्स नहीं देखनी चाहिए न ही ऐसे दोस्तों की संगती करनी चाहिये अगर ऐसे दॉतों के साथ जाना भी पड़े तो ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। इसके साथ साथ कुछ आयुर्वेदिक दवाएं भी कहानी चाहिए जैसे आमला और सदा नाम जप का अभ्यास करना चाहिए। मन ही मन नाम जप करते करते व्यक्ति को हर कार्य करने चाहिए सदग्रन्थ जिससे कुछ और सोचने का समय ही व्यक्ति को न मिले। रोज सुबह शाम किसी ग्रन्थ का स्वाध्याय करना चाहिये। आपको ये उपाय मैं नम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से बताता हूँ -:

  • बुरी संगती का त्याग
  • कामोत्तेजक दृश्यों , साहित्यों ,गानो का त्याग
  • सदा ईश्वर चिंतन
  • नाम जप का अभ्यास
  • सद्ग्रग्रन्थ का अभ्यास

मास्टरबेशन करने से कौन सी बीमारी होती है

  • भूख न लगना
  • अधिक नींद का आना
  • हर समय थका महसूस करना
  • जोड़ो में दर्द
  • चेहरे का तेज निकल जाना

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