ग्यारस के भजन ढोलक पर lyrics ग्यारस के दिन
तर्ज :– मिलता है सच्चा सुख केवल
ग्यारस के दिन मेरे श्याम प्रभु
तुझे भजन सुनाऊं जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के
ग्यारस के दिन मेरे श्याम प्रभु
तुझे भजन सुनाऊं जी भर के
ऐसी किरपा करना प्रभु
कभी भूख प्यास ना रोड़ा बने
मोह माया मेरे श्याम प्रभु
जीवन से मेरे जाते बने
तेरी भगति का हो तेज प्रभु
तेरे दर्शन पाऊं जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के
ग्यारस के दिन मेरे श्याम प्रभु
तुझे भजन सुनाऊं जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के
भले बुरे को क्या करना है
तू जो चाहे वो भरना है
एक पत्ता ना हिले तेरे बिना
मैं चाहूं कुछ नहीं होना है
तेरी नजर पड़ जाए जिस पर
खुशियां पाए वो जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के
ग्यारस के दिन मेरे श्याम प्रभु
तुझे भजन सुनाऊं जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के
आए ना मन में अहम कभी
तेरी भगति से जो पा जाऊं
रहे हमेशा मेरी नीची नजर
गलतियों को ना मैं दोहराऊं
मेरे सर पे रखना हाथ तेरा
किरपा करना तू जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के
ग्यारस के दिन मेरे श्याम प्रभु
तुझे भजन सुनाऊं जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के
ग्यारस की शाम लगे प्यारी
तू सज धज के जब बैठे हैं
तेरी छवि से मंदिर में मोहन
भगतां की आंखें चमके हैं
तेरी सुंदर छवि को निहार प्रभु
मन्नू भजन सुनाए जी भर के
ग्यारस के दिन मेरे श्याम प्रभु
तुझे भजन सुनाऊं जी भर के
तेरी भगति में ऐसे खो जाऊं
तेरा नाम जपूं मैं जी भर के